समस्त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्कृष्ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.
युगेश्वरी साहू की सफलता की कहानी
युगेश्वरी साहू वर्ष 2005 से शिक्षकीय कार्य से जुड़ी हुई हैं. कहते है कि जब हौसले बुलंद हो तो आसमान को छू सकते हैं. वैश्विक महामारी कोरोना पूरे देश मे फैली होने के कारण जब स्कूल बंद थे तब वे बहुत चिंतित थीं, कि बच्चों के भविष्य का क्या होगा. तभी उन्होकने शासन के निर्देशानुसार ऑनलाइन कक्षा लेना प्रारम्भ किया. ग्रुप बनाकर गृह कार्य देती थीं और अभ्यास पुस्तिका के माध्यम से अध्यापन कराने लगीं. इससे उन्हें पढ़ई तुंहर दुवार पोर्टल पर हमारे नायक का स्थान भी मिला. ऑनलाइन कक्षा लेने में बहुत समस्या होती थी. अधिकतर पालकों के पास स्मार्ट फोन नही था. इससे सभी बच्चे नही जुड़ पाते थे. तभी कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए पढ़ई तुंहर दुआर के अंतर्गत वे पारा मोहल्ला क्लास लेने लगीं. इससे बच्चों की नियमित पढ़ाई होने लगी.
वे बच्चों को प्रतिदिन बाल कविताएं सुनाती हैं. इससे बच्चे नियमित स्कूल आते हैं. वे अध्यापन कार्य मे अधिक से अधिक सहायक शिक्षण सामग्री का प्रयोग करती हैं एवं खेल तथा अन्य. गतिविधियां भी करती हैं. कई शिक्षण गतिविधियां उनके यु-ट्यूब चैनल बालिका शिक्षा में अपलोड हैं. साथ ही अंगना म शिक्षा, शून्य निवेश नवाचार, समर कैंप, आदि का आयोजन, प्रिंट रिच वातावरण का निर्माण, वर्ड पावर चैंपियन में जिले में विजेता, आदि शैक्षणिक गतिविधियों के कारण जिला स्तर तथा ब्लॉक स्तर पर कई सम्मान प्राप्त हुए हैं.
प्राप्त सम्मान एवं उपलब्धियां
- पढ़ई तुंहर दुआर पर हमारे नायक का स्थान.
- शून्य निवेश नवाचार में जिला स्तर पर सम्मान.
- बेस्ट टीचर अवार्ड.
- अखबार एवं पत्रिकाओं में स्वरचित कविताएं, लेख आदि प्रकाशित.
- समग्र शिक्षा के प्रशस्ति पत्र.
- कबाड़ से जुगाड़ के लिये सम्मान पत्र.
- नवाचारी शिक्षक सम्मान.
- कई संस्थाओं से सम्मान पत्र.
- कई प्रशिक्षणों में मास्टर ट्रेनर के लिए चयन.
अस्वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्वयं उनका सत्यापन नही किया है.