उत्‍कृष्‍ट शिक्षकों की कथाएं
समस्‍त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्‍कृष्‍ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्‍वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.

देवकुमार सूर्यवंशी की कहानी

देवकुमार सूर्यवंशी ने अपनी शासकीय सेवा 21 जून 2005 से सहायक शिक्षक के रूप में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चोरिया, विकासखंड बम्हनीडीह, जिला जांजगीर चाम्पा से प्रारम्भ की, जहाँ विज्ञान इनका प्रिय शिक्षण विषय रहा है. बाद में इनका स्थानातरण शासकीय कन्या प्राथमिक शाला अफरीद में हुआ जहाँ इन्होंने कमजोर बच्चों पर विशेष ध्यान दिया. इसके पश्चात् इनका स्थानातरण शासकीय प्राथमिक शाला धनुहार पारा सोंठी में हुआ, जहाँ की कमजोर शिक्षण व्यवस्था और बच्चों की अनियमित उपस्थिति देखकर इनको बहुत दुख हुआ. फिर इन्होंने इसे सुधारने की दिशा में विशेष प्रयास किये. पालकों से निरंतर सम्पर्क किया. पालक जागरूकता अभियान और रैली का आयोजन किया. धीरे-धीरे इसका प्रभाव समुदाय पर पड़ा और लोगों का झुकाव शाला की तरफ बढ़ा.

देवकुमार जी ने शाला की छत का मरम्मत अपने स्वयं के खर्च से किया. छात्र स्वयं करके सीखें इसके लिए और शिक्षण को प्रभावी बनाने के लिए बच्चों को समूह में विभाजित करके विषय वस्तु के अनुसार नये-नये प्रयोग कर नवाचार कराते रहे. बच्चों में स्वच्‍छता के सुधार हेतु इनके व्दारा स्वच्‍छता जागरूकता अभियान लगातार चलाया जाता है, जिससे बच्चे स्वच्‍छता के महत्त्व को समझने लगे हैं. शिक्षण में प्रोजेक्टर, लैपटॉप, मोबाइल आदि का सहायक सामग्री के रूप में प्रयोग कर नवाचार करने का काम किया हें. निःसहाय तथा आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को कॉपी, पेन आदि निःशुल्क उपलब्ध कराते हैं.

देवकुमार विभाग व्दारा आयोजित सेवाकालीन प्रशिक्षण में हमेशा भाग लेते हैं. बच्चों को शिक्षा देने की इनकी ललक इतनी है कि ये अभी तक 200 से ज्यादा ऑनलाइन प्रशिक्षण, टीचर ऐप, दीक्षा ऐप, चॉकिट‍ एप आदि अनेकों प्लेटफार्म पर कर चुके हैं. यह सफर अभी भी जारी है. ये संकुल, ब्लॉक आदि स्तर पर मास्टर ट्रेनर की भूमिका भी हमेशा निभाते हैं. कोरोना कॉल में इन्होंने बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने हेतु लगातार मोहल्ला क्लास और ऑनलाइन क्लास ली. इसी प्रकार के और भी बहुत से उत्कृष्ट कार्यों के कारण इन्हें 2019 में राज्य के सर्वोच्च शिक्षक सम्मान "राज्य शिक्षक सम्मान" से सम्मानित किया जा चुका है.

देवकुमार के व्दारा किये गए कुछ उत्कृष्ट कार्य -
  1. बच्चों की उपस्थिति सुधार और अभिभावकों को शाला से जोड़ने हेतु पालक जागरूकता अभियान - जब से देवकुमार जी की पदस्थापना इस स्कूल में हुई तब से बच्चों की नियमित उपस्थिति हेतु पालक जागरूकता अभियान लगातार चलाया जाता है, जिसका प्रभाव दर्ज संख्या में वृध्दि और पालकों का शाला की मुख्यधारा से जुड़ाव के रूप में हुआ है.
  2. स्वछता जागरूकता अभियान – देवकुमार जी के व्दारा इस आदिवासी मोहल्ले में स्वच्‍छता जागरूकता अभियान लगातार चलाया गया, जिससे बच्चों को स्वच्‍छता से सम्बंधित ज़रूरी बातों को बतलाया जाता है समुदाय स्वछता के प्रति जागरूक हो रहा है.
  3. स्वयं के खर्चे से डिजिटल स्मार्ट क्लास की शुरुवात - बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने और उनमें रूचि तथा उनकी उपलब्धि सुधार हेतु देवकुमार जी के व्दारा स्वयं के खर्चे से डिजिटल स्मार्ट क्लास की शुरुवात की गयी.
  4. नशे के खिलाफ अभियान – देवकुमार जी ने इस आदिवासी मोहल्ले में नशे की बढ़ती समस्या और बच्चों को नशे की गिरफ्त से बचाने के लिए नशा मुक्ति जागरूकता अभियान लगातार चलाया. इसका बहुत ही सुखद परिणाम रहा. बच्चे अब नशे से दूर होने लगे हैं तथा पालक शिक्षा के महत्त्व को समझने लगे हैं.
  5. निःशुल्क कॉपी, पेन, टाई, बेल्ट वितरण – देवकुमार जी के व्दारा सभी बच्चों को प्रत्येक वर्ष निःशुल्क कॉपी, पेन, टाई, बेल्ट आदि सामग्री उपलब्ध कराई जाती है तथा आईकार्ड आदि का वितरण किया जाता है.
अस्‍वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्‍वयं उनका सत्‍यापन नही किया है.

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