उत्‍कृष्‍ट शिक्षकों की कथाएं
समस्‍त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्‍कृष्‍ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्‍वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.

पलायन करने वाले परिवारों के बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा में जोड़ने की अनोखा पहल करने वाले शिक्षक डिजेन्द्र कुर्रे

बसना विकासखंड के संकुल जमदरहा के अन्तर्गत आने वाले प्राथमिक विद्यालय एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय पुरुषोत्तमपुर में ईंट भट्ठा में काम करने वाले परिवार अक्‍सर पलायन करते हैं. इन परिवारों के बच्‍चों को शिक्षा की मुख्‍यधारा से जाड़ने की मुहीम चलाई डिजेन्‍द्र कुर्रे जी ने. हेमंत रमेश नन्दनवार अनुविभागीय दंडाधिकारी सराईपाली एवं जे. आर. डहरिया विकासखंड शिक्षा अधिकारी की संयुक्त पहल एवं संकुल समन्वयक डीजेन्द्र कुर्रे, स्कूल प्रधानपाठक गंगाधर प्रसाद व्दि‍वेदी एवं प्राथमिक प्रधानपाठक रुपलता कुर्रे के अनुपम प्रयासों से बच्चों का नये शिक्षा सत्र में दाखिला करवाया गया है. सभी बच्चों को निशुल्क गणवेश एवं निशुल्क पाठ्यपुस्तक वितरण किया गया है.

वर्तमान में शिक्षकों की कमी है, फिर भी संकुल जमदरहा के बच्‍चों का एकलव्य आवासीय विद्यालय एवं प्रयास आवासीय विद्यालय में सतत रूप से चयन हो रहा है. बीते वर्ष में दो बच्चों का चयन जमनीडीह से एकलव्य विद्यालय में हुआ. एक बच्चा रितेश नायक का चयन प्रयास विद्यालय में हुआ. एस.डी.एम. सर के मार्गदर्शन में सतत रूप से बच्चों को कोचिंग दी गयी, जिसका नतीजा अच्‍छा रहा और सफलता मिली. शाला प्रबंधन एवं विकास समिति के सदस्यों को भी बैठक करके शिक्षा के प्रति सतत जागरूक किया जा रहा है.

शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने एवं बच्चों का शत प्रतिशत दाखिला कराने हेतु विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री जे आर डहरिया, सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी विनोद शुक्ला, बद्री विशाल जोल्हे, लोकेश्वर कंवर, बी आर सी सी ललित देवता, संकुल समन्वयक डिजेंद्र कुर्रे ने शिक्षकों को और मेहनत करने के लिए प्रेरित किया है, ताकि कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे.

डिजेन्‍द्र कुर्रें जी की अेक रचनाएँ प्रकाशित हुई है जिनमें प्रमुख हैं - कोहिनूर की आभा (प्रथम काव्य संग्रह), मेरी ताकत है कलम (व्दितीय काव्य संग्रह), सतनाम चालीसा, सुमता के अंजोर (छत्तीसगढ़ी काव्य संग्रह) एवं ज्ञान सुधा (बाल पत्रिका).

उनके संपादन में भी अनेक पुस्‍कतें प्रकाशित हुई हैं. इनमे प्रमुख हैं - सोनहा बिहान (छत्तीसगढ़ी काव्य संग्रह), संस्कार सरोवर (हिंदी काव्य संग्रह), सोनहा बिहान भाग 2 (छत्तीसगढ़ी काव्य संग्रह), अजर अमर सतनाम (छत्तीसगढ़ी काव्य संग्रह), होली के हंसगुल्ले (राष्ट्रीय साझा संकलन), नीलांचल काव्यांजली (राष्ट्रीय साझा संकलन), एक मुस्कान (राष्ट्रीय साझा संकलन), महिमा वीर नारायण के (छत्तीसगढ़ी साझा संकलन), कर्मयोगी संत गाडगे महाराज (राष्ट्रीय साझा संकलन) एवं मोर छत्तीसगढ़ महतारी (साझा संग्रह). उनकी अन्य रचनाएँ अर्धशताधिक साझा संकलन में रचनाएँ एवं देश की कई पत्र पत्रिकाओं में रचनाएँ सतत प्रकाशित हुई हैं.

डिजेन्‍द्र जी को मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण सम्मान 2019, छत्तीसगढ़ गौरव सम्मान 2019, डॉ. अम्बेडकर शिक्षा क्रांति सम्‍मान 2019, राष्ट्रीय स्तर में गोल्ड, सिल्वर एवं ब्रॉन्ज मेडल (कराटे खेल), से सम्‍मानित किसा गया है. गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (छत्तीसगढ़ संपूर्ण दर्शन) 2023 में भी उनका नाम आया है. इसके अतिरिक्‍त उन्‍हें सैकड़ों साहित्यिक सम्मान मिले हैं. कला कौशल साहित्य संगम प्रदेश सचिव के पद के दायित्व का निर्वहन भी वे करते हैं.

अस्‍वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्‍वयं उनका सत्‍यापन नही किया है.

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