उत्‍कृष्‍ट शिक्षकों की कथाएं
समस्‍त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्‍कृष्‍ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्‍वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.

बस्ताविहीन शनिवार को आनंदमय एवं मजेदार बनाती हैं निशा अवस्थी

निशा अवस्थी जनपद प्राथमिक शाला, जलसों, संकुल पौसरा, विकासखंड बिल्हा (ग्रामीण), जिला बिलासपुर में प्रधानपाठिका के रूप में पदस्थ हैं. कोरोना काल में निशा जी ने ‘पढ़ई तुहंर दुआर 2.0’ के अंतर्गत घर-घर जाकर छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं से जोड़ा. उनके समूह बनाए और विभिन्न गतिविधियों पर आधारित कक्षाएं लीं. आशा के अनुरूप बच्चे ऑनलाइन नहीं जुड़ने पर मोहल्ला क्लास प्रारंभ किया, जिसमें मिट्टी के खिलौने, पेपर क्राफ्ट, मुखौटे, कबाड़ से जुगाड़, टीएलएम एवं अन्य नवाचारी गतिविधियों का उपयोग करके नियमित कक्षाओं का संचालन किया. अंगना में शिक्षा कार्यक्रम के व्दारा बी.आर.जी. के रूप में माताओं, किशोर बच्चों, आंगनबाड़ी के बच्चों से लेकर अपने स्कूल के बच्चों, शाला त्यागी बच्चों, आदि को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा.

इनको शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य करने के लिए उत्कृष्ट शिक्षक का सम्मान से जिला पंचायत द्वारा सम्मानित किया गया है. बस्ताविहीन शनिवार को पूर्व व्यावसायिक शिक्षा के तहत् बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने हेतु डोरमेट, लिफाफा, राखी बनाना, आदि सिखाया. इनके बच्चों के व्दारा बनाई गई राखी वीर फौजी भाइयों को भेजी गयी. और भी गतिविधियां, जैसे डांडिया सजना, मेहंदी लगाना, राधा कृष्ण वेशभूषा, मटकी फोड़ो, दुर्गा मां की वेशभूषा, वृक्षों को राखी बांधकर वृक्षाबंधन मानना, नारियल सजाओ, पत्तियों से आकृति बनाना, वीरगाथा 3.0, बैंच बनाना, फूलों एवं रंगों की रंगोली बनाना, सुआ नाच व राउत नाचा का आयोजन करना आद‍ि निशा जी लगातार आयोजित करती रही हैं.

मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा के अंर्तगत प्रत्येक माह के सभी शनिवार को मार्ग ड्रिल करके बच्चों को सुरक्षित रहना सिखाया जाता है. इन्होंने अपने स्कूल में खिलौना कॉर्नर एवं मुस्कान पुस्तकालय का निर्माण किया है. खिलौने लर्निंग आउटकम पर आधारित हैं. इनके व्दारा अपने संकुल के तीन-चार स्कूलों को मिलाकर भाषाई एवं गणितीय कौशलों के विकास करने हेतु गणितीय पठनोत्सव मेला का आयोजन किया जाता रहा, जिसमें बच्चे समूह बनाकर पियर लर्निंग के माध्यम से सीखते हैं.

इनके बेहतरीन कार्यों के लिए मुख्यमंत्री गौरव शिक्षा अलंकरण, शिक्षा दूत से इन्‍हें सम्मानित किया गया है. वर्तमान में जादुई पिटारा, स्वच्छता पखवाड़ा कार्यक्रम, मेरी माटी मेरा देश, गणेश उत्सव, दुर्गा उत्सव के समय निपुण भारत की शपथ (छत्तीसगढ़ी बोली में), यूथ एवं इको क्लब व्दारा पर्यावरण संरक्षण का कार्यक्रम, नशा मुक्ति के लिए कार्यक्रम, बालिका शिक्षा हेतु विशेष अभियान आदि चलाये गये हैं. मतदाता जागरूकता अभियान के तहत रैली, रंगोली, शाला प्रबंध समिति के महिलाओं के हाथों में मेहंदी से स्वीप लिखकर मानव श्रृंखला बनाकर, पोस्टर, रंगोली बनाकर, पालकों से मतदान करने हेतु वचन पत्र लेकर, नाटक के माध्यम से वोट का महत्व, स्वीप पतंग सजाओ प्रतियोगिता, वरिष्ठ एवं दिव्यांग मतदाताओं को मतदान केंद्र तक लाने के लिए प्रशासन की रणनीति को समझना, चुनई चिरई का मोनो बनाकर शत् प्रतिशत मतदान करने के लिए प्रेरित किया.

निशा जी ग्रीष्मावकाश में समर कैंप का आयोजन कर विभिन्न विधाओं में बच्चों को पारंगत कर रही हैं. अनुभव आधारित शिक्षा में विभिन्न कामगारों को स्कूल में बुलाकर उनके कार्य की समझ बच्चों में विकसित कर रही हैं. छलांग कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रीष्मावकाश में सक्रिय माताएं, जन समुदाय, पालक गण को शिक्षा से जोड़ना सिखाया गया. कहानी सप्ताह के दौरान बड़े बुजुर्गों एवं पालकगण को कहानी सुनाने के लिए आमंत्रित किया जाता है. पर्यावरण संरक्षण के लिए भी प्रेरित किया जाता है. बेलतरा विधायक श्री रजनीश सिंह ठाकुर के द्वारा उत्कृष्ट शिक्षक सम्‍मान से सम्मानित किया गया. पुणे में सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी में आयोजित G-20 सम्मेलन में एफ.एल.एन. प्रदर्शनी हेतु जाने का गौरव प्राप्त हुआ, जहां सभी राज्यों के शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे नवाचारों को देखने और समझने का अवसर प्राप्त हुआ.

अस्‍वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्‍वयं उनका सत्‍यापन नही किया है.

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