समस्त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्कृष्ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.
बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने वाली नीतू यादव
नीतू यादव स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल केशवपुर में व्याख्याता हैं. उनकी नियुक्ति 2006 की है. उनका उद्देश्य बच्चो को आत्मनिर्भर बनाना है, जिससे वे अपने जीवन का निर्वहन सम्मानपूर्वक कर सकें. उनकी सोच है, कि कोई भी बच्चा पढ़ाई न छोड़े तथा उन्हें कैरियर गाईडेंस देकर आगे बढ़ाया जाये.
उन्होने कोरोनाकाल में लगातार ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनो में पढ़ाई जारी रखी. उन्होनेन 10वीं बोर्ड की तैयारी ऑनलाइन करवायी. उनकी ऑनलाइन क्लास में बड़ी संख्या में बच्चे जुड़ते थे. उन्होने मोहल्ला क्लास लेकर भी बच्चों की तैयारी कराई. वे बच्चो के सर्वांगीण विकास के लिए हर संभव कार्य करती हैं. शासन की सभी योजनाओं से अवगत कराना, खेल, स्वास्थ्य, सामाजिक विज्ञान, पौधारोपण, सुरक्षा, सांस्कृतिक कार्यक्रम, योग आदि सभी क्षेत्रों में भागीदार बनाती हैं. इंस्पायर्ड अवार्ड में उनके मॉडल का चयन हो चुका है.
ड्रॉपआउट की संख्या को कम करने का प्रयास, घर-घर जाकर बच्चो और अभिभावकों को शिक्षा का महत्व बताना, गरीब बच्चो की मदद, लड़कियों की पर्सनल प्रॉब्लम हल करना, सेनिटेरी पैड, स्वेटर, जूता, ड्रेस, कॉपी, पेन आदि चीजों से उनकी मदद करना, ताकि वो पढ़ सकें. दिव्यांग बच्चो का सर्टिफिकेट बनाने में मदद करना.
कबाड़ से जुगाड़ के तहत बहुत से कार्यक्रम और मॉडल बनाये हैं. समय-समय पर विभाग के कार्यक्रमों का क्रियान्यवयन किया है्. नशा मुक्ति पर कार्य, निशुल्क समर कैंप, चिकित्सा शिविर एवम विज्ञान प्रदर्शनी, उपचारात्मक शिक्षण, विषय उन्मुखीकरण आदि सभी कार्यों को करने में उनकी विशेष रुचि है.
वे विज्ञान विषय को बिल्कुल बेसिक तरीके से पढ़ाती हैं. विशेष खेल विधि, प्रतियोगिता आदि करा कर, टीम वर्क करने से बच्चे बहुत अच्छे से पढ़ते हैं. प्रयोग करा कर और कर के देखने से सीखते हैं. वर्तमान में बच्चो को आपस में ही प्रतियोगिता करने से विज्ञान को पढ़ाने की कोशिश कर रही हैं. उससे सभी बच्चे विषय को समझते हैं और याद करते हैं. इन सभी कार्यों के लिए उन्हें उत्कृष्ट शिक्षक, मुख्यमंत्री गौरव शिक्षा श्री सम्मान येसे नवाजा गया है. 2023 में उन्हें राज्यपाल पुरुस्कार के लिये चुना गया है.
बच्चो में राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए सर्व धर्म से संबंधित कार्यक्रम कराती हैं. गांव में बच्चो के घर जाकर उनके परिवार के सदस्यो से मिलकर मित्रवत व्यवहार से उनकी परेशानियो को दूर करती हैं. उन्हें कैरियर चुनने के लिए मदद, स्कूल में कैरियर काउंटर के व्दारा उन्हें जानकारी देती हैं. सामान्य ज्ञान बढ़ाने के लिये रोज क्रियाकलाप, अभिव्यक्ति विकास के लिए सेमिनार आदि का अयोजन करती हैं. उनकी इच्छा है कि सारे बच्चे उनके स्वयं के बच्चों की तरह आत्मनिर्भर बनें, एक अच्छा इंसान बनें. इसके लिए जो संभव हो सकेगा वह हर कार्य करने के लिए कर्तव्यबध्द हैं.
अस्वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्वयं उनका सत्यापन नही किया है.