समस्त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्कृष्ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.
सांध्यकालीन निरीक्षण के माध्यम से पढ़ाई में गुणवत्ता को बढ़ाने वाले कपिल राम साहू
कपिल राम साहू, शा. हाई स्कूल कलगांव, वि. खंड - अंतागढ़, जिला - कांकेर में शिक्षक के पद पर पदस्थ हैं. उन्होने नवाचारी अभिनव पहल सांध्यकालीन निरीक्षण के माध्यम से पढ़ाई में गुणवत्ता को बढ़ाने का अभिवन प्रयास किया है. संस्था में हम बच्चों को कितना भी अच्छा पढ़ाया जाये, परन्तु चूँकि वो घर में नित्य अध्ययन नहीं करते थे, अतः पढ़ाए गये विषयों को शीघ्र ही भूल जाया करते थे, और आगे पाठ - पीछे सपाट वाली स्थिति हो जाया करती थी. तब कपिल राम साहू जी ने बच्चों की नियमित उपस्थिति बढ़ाने, गृह कार्य पूर्ण कराने, प्रतिदिन घर में कम से कम तीन घंटा पढ़ाई कराने, पालको से संपर्क एवं संवाद आदि की योजना बनाई. चूँकि उनका निवास संस्था के करीब है, अतः वे अन्य साथी शिक्षकों के साथ बच्चों के घर जाकर संध्याकालीन निरीक्षण करने लगे.
संध्याकालीन निरीक्षण के उनके इस अभिनव प्रयास से वे पालकों एवं बालकों, दोनों के ही दिलों के करीब पहुंच पाएं हैं. पढ़ाई में नवाचारी गतिविधियां, सांध्यकालीन निरीक्षण एवं शिक्षकों व्दारा अतिरिक्त प्रयास का ही परिणाम है कि हमारी उनकी संस्था, शास. हाई स्कूल - कलगांव में कक्षा - 10 वीं का परीक्षा परिणाम विगत दो वर्ष से शत प्रतिशत रहा है.
सर्वांगीण विकास के अपने लक्ष्य की पूर्णता की ओर उनके कदम सतत् अग्रसर हैं. वे जानते हैं कि बच्चों में अद्भुत प्रतिभा छिपी होती है. आवश्यकता सिर्फ उसे निखारने एवं सही मार्गदर्शन प्रदान करने की होती है. खेल-खेल में शिक्षा, स्थानीय कहानियाँ एवं पारिवेशिक गतिविधियों के माध्यम से बाल शिक्षा अनुरूप वातावरण बनाकर क्लिष्ट विषयों को भी आसानी से सिखाया एवं समझाया जा सकता है. ऐसी गतिविधियों की सबसे रोचक बात यह भी है कि मनोरंजक होने के साथ स्मरण कि दृष्टि से वे दीर्घ कालिक भी हैं.
अस्वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्वयं उनका सत्यापन नही किया है.