उत्‍कृष्‍ट शिक्षकों की कथाएं
समस्‍त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्‍कृष्‍ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्‍वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.

शिवकुमार बंजारे की सफलता की कहानी

शून्य से शिखर तक की सोच रखने वाले, अभाव में प्रभाव पैदा करने वाले, संघर्ष के राही कर्म के पुजारी, प्रधान पाठक शिवकुमार बंजारे जी विगत 21 वर्षों से प्राथमिक शिक्षा की अलख जगाए हुए हैं. वर्तमान में वनांचल की शासकीय प्राथमिक शाला केशलीगोड़ान, संकुल केंद्र बिरकोना, विकास खंड पण्डरिया, जिला कबीरधाम, छत्तीसगढ़ में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

सामुदायिक सहभागिता से विद्यालय को भौतिक संसाधनों से समृध्‍द बनाकर, स्वयं की कला से आकर्षक प्रिंट-रिच वातावरण निर्माण कर, वृहत वृक्षारोपण करके स्कूल परिसर को हरितिमा युक्त बनाकर सभी को विद्यालय की ओर आकर्षित करते आ रहे हैं. इससे शाला की दर्ज़ संख्या, ठहराव, औसत उपस्थिति में सतत् वृध्दि हो रही है. शाला में स्मार्ट क्लास का संचालन, आकर्षक टीएलएम निर्माण, गतिविधि आधारित शिक्षा के कारण श्री अरविंदो सोसायटी व्दारा जिले में रोल मॉडल स्कूल के रूप में पहचान मिली है. जन सहयोग से तथा शाला निधि का बेहतर उपयोग करके प्रार्थना स्थल का कांक्रीटीकरण, मोटर पंप, पानी टंकी, हैण्डवाश बेसिंग, सोलर लाईट, व्यायाम उपकरण, खेल सामग्री, स्‍मार्ट एल.ई.डी. टी.वी., डी.टी.एच., प्रत्येक कक्षा में व्हाइट/ग्रीनबोर्ड, ग्रीन कारपेट, कूलर, पंखे, एग्जास्ट फैन लगवाकर शासकीय स्कूल को निजी विद्यालय से बेहतर बनाते हुए गांव में भी शहरों जैसे सुविधाएं मुहैया करायी है. स्वयं के खर्च से विद्यार्थियों में शैक्षिक बदलाव के साथ उनके रहन-सहन में परिवर्तन लाने हेतु शैक्षिक सामग्री, स्कूल बैग, पेन, कापी, टाई-बेल्ट, कंपास, पानी बाटल, आदि वितरण करते हैं. छात्राओं को शैक्षिक गोद लेकर बालिका शिक्षा को बढ़ावा देते हैं.

शिवकुमार बंजारे ने कोरोना काल के दौरान विषम परिस्थितियों में भी ग्राम में स्थाई टेण्ट लगाकर मोहल्ला में स्मार्ट क्लास का संचालन कर शत् प्रतिशत विद्यार्थियों को शिक्षा से जोड़े रखा. शिवकुमार बंजारे जी के व्दारा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिये मार्गदर्शन देकर 14 बच्चों का जवाहर नवोदय विद्यालय में चयन कराया गया है तथा 4 बच्चे जवाहर उत्कर्ष में चयनित हुए हैं. अच्छी शिक्षा के प्रभाव से शाला में अन्य गांवों के छात्र अध्ययन करते हैं. शिक्षण के साथ-साथ पाठ्य-सहगामी क्रियाकलापों में भी बेहतर कार्य करते रहे हैं. उपचारात्मक शिक्षा, हस्त पुस्तिका निर्माण, साहित्यिक, सांस्कृतिक, राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिये विविध आयोजन, मानवीय मूल्यों की शिक्षा, सामाजिक जनजागरुकता, जिले में नशामुक्ति अभियान रथयात्रा में सक्रिय भागीदारी, जिले में मतदाता जागरूकता कार्यक्रम में कलेक्टर महोदय के मार्गदर्शन में नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन, ड्राप आउट बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा में वापस लाना, चित्रकला, पेंटिंग, सजावट, हस्तकला, कौशल विकास कार्यक्रम से जीवनोपयोगी शिक्षा देते हैं. छ.ग.शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी को विद्यालय में क्रियान्वित कर छ.ग. शासन स्कूल शिक्षा विभाग के पोर्टल पर हमारे नायक के रूप में चयनित होकर सम्मानित हुए हैं.

पढ़ई तुंहर दुआर 2.0 में विद्यालय के छात्र संजय चतुर्वेदी तथा कु. पल्लवी व्दारा निर्मित हस्तपुस्तिका को जिले में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ‌. उत्कृष्ट अकादमिक दायित्व निर्वहन एवं विद्यार्थियों के शैक्षणिक गुणवत्ता उन्नयन में महत्वपूर्ण योगदान के लिए छ.ग. शासन स्कूल शिक्षा विभाग व्दारा मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण शिक्षादूत पुरस्कार, पढ़ई तुंहर पारा तथा आनलाईन क्लास में उत्कृष्ट योगदान हेतु शिक्षक दिवस के अवसर पर छ.ग. शासन स्कूल शिक्षा विभाग व्दारा सम्मान पत्र‌ मिला. पढ़ई तुंहर दुआर 2.0 में सर्वश्रेष्ठ योगदान हेतु उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान मिला. संभागीय शिक्षा गौरव, अलंकरण उत्कृष्ट प्रधान पाठक पुरस्कार‌, श्री अरविंदो सोसायटी व्दारा लगातार 3 बार टीचर इनोवेशन अवार्ड, राज्यस्तरीय अक्षय शिक्षा अलंकरण भी मिले. शिवकुमार बंजारे जी को शिक्षा विभाग से, समाज से, शासन से तथा भारत के विभिन्न राज्यों से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर शैक्षिक गतिविधियों पर लगभग 3000 से अधिक सम्मान पत्र/प्रमाण पत्र प्राप्त कर चुके हैं. विशिष्ट प्रतिभा सम्पन्न शिक्षक के रूप में समाज व शिक्षा के क्षेत्र में पूर्ण कर्तव्यनिष्ठा, समर्पण भावना, उत्कृष्ट नवाचारी शैक्षणिक कार्यों के फलस्वरूप राज्य शिक्षक पुरस्कार 2022 के लिए चयनित होकर 5 सितंबर 2023 को शिक्षक दिवस के अवसर पर राजभवन के दरबार हाल में महामहिम राज्यपाल के हाथों सम्मानित हुए हैं.

अस्‍वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्‍वयं उनका सत्‍यापन नही किया है.

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