समस्त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्कृष्ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.
'स्मार्ट स्कूल' बनाने वाले कलेश्वर साहू
जनपद प्राथमिक शाला बिल्हा, बिलासपुर में पदस्थ कलेश्वर साहू अपने विद्यालय को सुंदर और आकर्षक बनाने के लिए स्वयं के व्यय से विद्यालय को प्राइवेट स्कूल के तर्ज पर 'स्मार्ट स्कूल' बना रहे हैं. विद्यालय की 2 कक्षाओं में टाइल्स एवं स्मार्ट टीवी लगवाया है. मुस्कान पुस्कालय बनाया है. कक्षाओं को TLM से सजाया गया है. कबाड़ से जुगाड़ के माध्यम से TLM निर्माण कर इनके व्दारा शाला में बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान की जाती है.
कलेश्वर साहू पूरे जिले में TLM गुरुजी के नाम से जाने जाते हैं. खिलौनो के माध्यम से बच्चों को शिक्षा प्रदान करते हैं. विकास खंड स्तरीय TLM प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त कर चूके हैं. स्वयं के व्यय से बच्चों के पठन कौशल के विकास हेतु कक्षा में TLM कॉर्नर, गणित कॉर्नर, खिलौना कॉर्नर तथा रीडिंग कॉर्नर भी बनाया है. स्वयं के व्यय से ही बच्चों के पठन कौशल के अभ्यास हेतु प्रिंट रिच वातावरण तैयार किया है. स्वयं के व्यय से खेल खेल में शिक्षा हेतु जादूई पिटारा पिटारा भी बनाया है. जिला व ब्लाक स्तरीय FLN आधारित गतिविधि पुस्तिका निर्माण किया. गांव में 110 वृक्ष लागाये, पोषण माह का आयोजन किया, बरसात के दिनों में स्वच्छता सम्बन्धित कार्य किए.
कोरोना काल के बाद बच्चों की उपस्थिति कम होने के कारण इन्होंने बच्चों एवं पालकों को शाला से जोड़ने के लिए स्वयं के व्यय से एक नवाचारी शुरुआत की है, जिसका नाम है 'स्टूडेंट ऑफ द मंथ अवॉर्ड'. यह पुरस्कार उन बच्चों को दिया जाता है जो लगातार कक्षा में उपस्थित रहते हैं एवं अनुशासित रहते हैं, स्वच्छता, पढ़ाई-लिखाई व सह-शैक्षणिक गतिविधियों में उत्कृष्ट योगदान देते हैं. स्टूडेंट ऑफ द मंथ अवार्ड इनके द्वारा प्रत्येक माह प्रत्येक कक्षा के एक आदर्श विद्यार्थी को दिया जाता है.
अपनी कक्षा के बच्चों का जन्मदिन केक काटकर मनाते हैं. FLN के पहले लक्ष्य स्वास्थ्य, खुशहाली हेतु तथा बच्चों में स्वच्छता की आदत लाने के उद्देश्य से शाला में साबुन बैंक संचालित किया है, जिसे राज्य भर से प्रोत्साहन के रुप में सहयोग मिल रहा है. राज्य परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा, छत्तीसगढ़ व्दारा तैयार किए गए खिलौना किताब में भी इनके खिलौनों को स्थान प्राप्त है. सीजी स्कूल में इन्हें "हमारे नायक" के लिये चुना गया है. इन्होंने बच्चों को नि:शुल्क प्रतियोगी परीक्षा का भी तैयारी भी करवाई है, जिनमें से बहुत बच्चों का चयन सरकारी पदों पर हुआ है. इनके द्वारा नि:शुल्क कैरियर मार्गदर्शन भी दिया जाता है. विगत वर्ष से शाला समय के अतिरिक्त शाम 4 बजे से 5: 30 बजे तक बिल्हा क्षेत्र के गरीब बच्चों को 'नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा' की निःशुल्क तैयारी करा रहे है, जिससे एक छात्रा का चयन भी हुआ है.
शाला में इनके व्दारा बच्चों को गीत-कविता के माध्यम से जोड़ना-घटाना सिखाया जाता है. इनके कविता, कहानी, लेख आदि राष्ट्रीय समाचार पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित होते हैं. वे सांस्कृतिक मंत्रालय भारत सरकार के सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र नई दिल्ली व्दारा दस दिवसीय प्रशिक्षण प्राप्त कर बच्चों को हस्त कला का ज्ञान दे रहे हैं. शिक्षण के क्षेत्र में नवाचार गतिविधियों व समाज में उत्कृष्ट कार्यो के लिए समाज में एक नई पहचाना हैं. इनके इन कार्यों से प्रभावित होकर इनके विद्यालय को समुदाय का पूर्ण सहयोग मिल रहा है.
अस्वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्वयं उनका सत्यापन नही किया है.