समस्त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्कृष्ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.
पेटी वाली दीदी – रीता मोंडल
रीता मोंडल जी ने कोरोना काल के दौरान बच्चों को मोहल्ला कक्षा में जोड़े रखा एवं सीखने सिखाने की प्रक्रिया को जारी रखा. वे पीटी में टी.एल.एम. सामग्री लेकर मोहल्लों एवं गांवों में जाती थीं, इसलिये बच्चे प्यार से उन्हें "पेटी वाली दीदी" कहने लगे. वे लगातार राज्य में चल रहे शैक्षणिक नवाचारों से जुड़ी रही हैं. राज्य स्तर पर संचालित "अंगना म शिक्षा" कार्यक्रम में राज्य स्त्रोत समूह के रूप में कार्य किया एवं छत्तीसगढ़ में छोटे बच्चों की माताओं को सक्रिय कर उन्हें पढ़ाने एवं सिखाने हेतु प्रेरित किया. अपनी कक्षा में टेक्नोलॉजी के बेहतर प्रयोग हेतु वोडाफोन आइडिया फाउंडेशन द्वारा ₹100000 की शिक्षक छात्रवृत्ति प्राप्त की, जिससे अपनी कक्षा के बच्चों को बेहतर ढंग से टेक्नोलॉजी के माध्यम से सिखा रही हैं.
कक्षा मे किये गए शून्य निवेश नवाचार के लिए 2019 में मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल जी व्दारा दिल्ली में सम्मान प्रदान किया गया. रीता जी ने बच्चों को गणित सरलता एवं रोचकता पूर्वक सीखाने के लिए कार्टून वीडियो तैयार किया एवं अनेक टी.एल.एम एवं मॉडल की सहायता से गणित विषय को बच्चों के लिये सरल बना दिया.
रीता जी ब्लॉक स्तरीय पी.एल.सी. समूह (सृजन पी.एल.सी.) की अध्यक्ष के रूप में विगत 4 वर्षों से धरसीवां ब्लॉक की समस्त शालाओं के शिक्षकों को विषय एवं शाला संबंधित गतिविधियों से लगातार जोड़े रखने का कार्य तथा उन्हें सभी योजनाओं में बढ़-चढ़कर भाग लेने हेतु प्रेरित करने का कार्य कर रही हैं. विगत 4 वर्षों से उनकी शाला के 7 बच्चों का चयन राष्ट्रीय साधन सह प्रावीन्य छात्रवृत्ति परीक्षा (NMMSE) में हो रहा है. बच्चों को इस परीक्षा की तैयारी हेतु शाला समय के अतिरिक्त विशेष समय देकर उन्हें तैयारी कराती हैं.
कोरोना काल के दौरान SCERT के जुगाड़ स्टूडियो में गणित विषय पर उनके व्दारा 20 से अधिक वीडियो तैयार किए गए जिसे पढ़ई तुंहर दंवार पोर्टल पर आज भी छत्तीसगढ़ के सभी बच्चे देख पा रहे हैं एवं उससे सीख पा रहे हैं. अपनी दक्षताओं पर लगातार कार्य करते हुए उन्होने TISS Mumbai व्दारा संचालित आर.टी.आई.सी.टी. (RTICT) के कोर्स को पूरा किया तथा उससे सीखे गए अनुभवों को अपनी कक्षा में प्रयोग में लाया. अपनी शाला के बच्चों को विकासखंड, जिला एवं राज्य स्तर के अनेक प्रतियोगिताओं में भाग लेने हेतु प्रेरित किया एवं उन प्रतियोगिताओं में मेरे बच्चों ने सफलता भी पायी.
जिला स्तरीय गणित मॉडल प्रतियोगिता में उनकी छात्रा कुमारी तोषी मंडावी व्दारा बनाई गई गणितीय साइकिल ने जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया. रूम टू रीड संस्था व्दारा संचालित बालिका शिक्षा कार्यक्रम में फोकल प्वाइंट पर्सन के रूप में विगत 7 वर्षों से कार्य कर रही हैं. वे बालिकाओं के समग्र विकास के लिए अनेक पहलुओं पर कार्य कर रही हैं.
वर्ष 2019 में शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य हेतु मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण पुरस्कार प्राप्त किया. वर्ष 2022 में शिक्षा मंत्री जी व्दारा घोषित सुपर 36 शिक्षक पुरस्कार जिला परियोजना कार्यालय रायपुर व्दारा अयोजित कार्यक्रम मे जिला शिक्षा अधिकारी महोदय के हाथों प्राप्त किया.
शाला में बच्चों की उपस्थिति को बढ़ाने हेतु पालको के व्हाट्सएप समूह में बच्चों की गतिविधियों को लगातार पोस्ट करके, पालकों को प्रत्येक शनिवार शाला में अपनी सक्रिय उपस्थिति देने हेतु प्रोत्साहित किया जिससे कक्षा में अनुपस्थित बच्चों की संख्या बहुत कम हो गई.
अनुभवात्मक शिक्षण पर आधारित उनके बेहतर कार्यों को देखते हुए उन्हे SCERT व्दारा वर्ष 2022 में एन.सी.ई.आर.टी. दिल्ली में छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व करने का अवसर दिया गया. 6 राज्यों के प्रस्तुतीकरण में सबसे बेहतर छत्तीसगढ़ राज्य का प्रस्तुतीकरण रहा.
वर्ष 2021-22 में एक भारत श्रेष्ठ भारत कार्यक्रम में उनके व्दारा किए गए बेहतर कार्य को देखते हुए, उन्हे समग्र शिक्षा रायपुर व्दारा स्कूल एवं कॉलेज के छात्र-छात्राओं के साथ एस्कॉर्ट शिक्षक के रूप में गुजरात भ्रमण के लिये भेजा गया.
शाला में बच्चों को व्यावसायिक शिक्षा से जोड़ते हुए गोबर से दिया बनाना, दोना पत्तल निर्माण एवं साबुन तथा हैंड वॉश बनाने का प्रशिक्षण दिलाया. शाला के बच्चों ने इन तीनों क्षेत्रों में अपनी बेहतर रुचि दिखाई एवं इन तीनों व्यवसाय से अपने और अपने परिवार को जोड़ा.
राज्य स्तर पर SCERT एवं KITE सात चरणों में आयोजित FLN प्रशिक्षण में राज्य स्तरीय दल के रूप में कार्य किया एवं छत्तीसगढ़ के सभी प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों को इसका प्रशिक्षण दिया. राज्य स्तर पर संचालित अनेक कार्यक्रमों वे राज्य कोर टीम का हिस्सा रहीं जैसे नवाजतन, सुघ्घर पढ़वैया, प्रश्न बैंक निर्माण, FLN, खिलौना आधारित शिक्षण शास्त्र, जादुई पिटारा, निखार एवं अन्य कई.
अस्वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्वयं उनका सत्यापन नही किया है.