उत्‍कृष्‍ट शिक्षकों की कथाएं
समस्‍त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्‍कृष्‍ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्‍वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.

सन्तोष कुमार कर्ष की सफलता की कहानी

सन्तोष कुमार कर्ष सहायक शिक्षक एल.बी. शासकीय प्राथमिक शाला कारीछापर संकुल पोलमी विकासखण्ड पाली जिला कोरबा मे पदस्थ हैं. उनकी नियुक्ति सन 2010 मे हुई. उन्‍होने देखा कि आदिवासी समुदाय के बच्चे अभावग्रस्‍त जिन्दगी जी रहे हैं. शिक्षा मे इनकी रुचि नहीं है. तब उन्‍होने ठान लिया कि आदिवासी समुदाय के बच्चो के लिए वे कार्य करेंगे.

उसके बाद संतोष ने अनेक महत्‍वपूर्ण कार्य किये -

  1. सबसे पहले शाला परिवेश को आकर्षक बनाया.
  2. बच्चो को शाला की ओर खींचने के लिये तरह-तरह के नवाचार किये.
  3. शाला मे स्मार्ट क्लास बनाने के लिए समुदाय का सहयोग लिया.
  4. अपने वेतन का कुछ हिस्सा बच्चों पर खर्च किया.
  5. कबाड़ से जुगाड़ करके बच्चो को शिक्षा दी.
  6. गाँव के नवयुवको के साथ मिलकर शराबबन्दी की
  7. बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए उन्हे पुरस्कार देना शुरू किया.
  8. कोरोनाकाल मे मोहल्ला-टोला क्लास लेकर बच्चो के साथ जुड़े रहे.
  9. शिक्षा मे कठपुतली कला का प्रयोग किया.

आज उनकी मेहनत रंग ला रही है, और उन्‍होने अनेक उपलब्धियाँ हासिल की हैं -

  1. शाला से बच्‍चों का गुरुकुल पेन्‍ड्रा के लिये चयन
  2. एकलव्य आवासीय विद्यालय छूरीकला कोरबा के लिये शाला के बच्चो का चयन
  3. सी.सी.आर.टी. दिल्ली व्दारा आयोजित शिक्षा मे कठपुतली कला पर उदयपुर राजस्थान और दिल्ली ट्रेनिंग मे शामिल होना
  4. जान्जगीर जिला (अकलतरा) से 2019 से छत्तीसगढ़ गौरव अवार्ड मिलना
  5. विभिन्न विधाओ से लगभग 200 सर्टीफिकेट हासिल करना
  6. कोरोनाकाल मे लक्ष्यवेध ऑनलाइन ट्रेनिंग मे मास्टर ट्रेनर बनना
अस्‍वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्‍वयं उनका सत्‍यापन नही किया है.

Visitor No. : 7664254
Site Developed and Hosted by Alok Shukla