समस्त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्कृष्ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.
उषा शर्मा एक प्रेरणा स्वरूप शिक्षिका
आज एक ऐसी शिक्षिका के बारे में हम आपको बताएंगे, जिन्होंने अपने संघर्षों और प्रेरणा के साथ विद्यार्थियों के जीवन को एक नई दिशा देने का संकल्प लिया है. श्रीमती उषा शर्मा न केवल पढ़ाने का काम करती हैं, बल्कि उनका मिशन है सामाजिक न्याय की दिशा में कदम बढ़ाना, खासकर अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों के लिए. उषा शर्मा ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए अपने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए उनकी तैयारी कराने का काम किया है. वे स्कूल के बाद अतिरिक्त कक्षाएं चलाती हैं जिसमें उनकी छात्रों को बेहतर तैयारी का मौका मिलता है.
उषा शर्मा ने प्राकृतिक कीटनाशक का आविष्कार किया है और अपने शिक्षक साथियों और विद्यार्थियों को इसके बारे में शिक्षा देते हुए उसका प्रचार प्रसार किया है. श्रीमती शर्मा अपने विद्यालय में हेरिटेज क्लब की स्थापना कर छात्रों को खुदाई से प्राप्त पुरातात्विक और ऐतिहासिक धरोहर की मूर्तियों के रखरखाव के बारे में भी शिक्षा देती हैं. वे अपने विद्यार्थियों को सांख्यिकी और तकनीकी शिक्षा, प्रौद्योगिकी की शिक्षा आदि में भी निपुण बना रही हैं.
कोविड-19 महामारी के समय उन्होने सूचना प्रौद्योगिकी के उपकरणों का उपयोग करके छात्रों को शिक्षा से जोड़ने का काम किया. श्रीमती शर्मा ने शिक्षा को एक सामाजिक परिवर्तन के औज़ार के रूप में देखा है और अपने छात्रों को सपनों की ऊँचाइयों तक पहुँचाने का काम किया है. उनकी प्रेरणा एवं मार्गदर्शन से ही राष्ट्रीय टेस्ट एजेंसी व्दारा आयोजित श्रेष्ठा की परीक्षा में उनके विद्यालय की दो छात्राओं ने ऑल इंडिया 5वाँ एवं 1565 वां स्थान प्राप्त किया.
अस्वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्वयं उनका सत्यापन नही किया है.