समस्त गुरुजनों के चरणों में वंदना करते हुये में आज से शिक्षकों के उत्कृष्ट कार्यों की कथाएं कहना प्रारंभ कर रहा हूं. शिक्षकों के इन कार्यों से मैं तो अभिभूत हूं, ही, मुझे विश्वास है कि आप सब भी प्रभावित होंगे. मुझे इस बात की भी आशा है कि शिक्षक भी इन कहानियों को पढ़कर एक दूसरे से सीख सकेंगे.
कामता प्रसाद सिंह के प्रयास से जन सहयोग ने बदल दी स्कूल की सूरत
कामता प्रसाद सिंह सहायक शिक्षक की नियुक्ति वर्ष 2007 में प्राथमिक शाला बालक पंतोरा, विकासखंड बलौदा, जिला जांजगीर चांपा छत्तीसगढ़ में हुई. इसके बाद 2009 में युक्तियुक्तकरण के तहत इनकी पदस्थापना प्राथमिक शाला कॉलोनीगंज पंतोरा में हुई, व 2012 से 2022 तक उन्होने प्रभारी प्रधान पाठक का पद संभाल.
कामता प्रसाद सिंह के अंदर हमेशा टीस रही कि जहां एक ओर प्राइवेट स्कूलों में बच्चो को सर्व सुविधा युक्त शिक्षा दी जा रही है, वही दूसरी ओर सरकारी स्कूलों में इन सुविधाओं से बच्चे वंचित हैं. समान शिक्षा के स्तर एवं गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने के उद्देश्य से कामता प्रसाद जी ने पहल नामक योजना शुरू की, जिसमे सामुदायिक सहभागिता से प्राइवेट स्कूलों में मिलने वाले समस्त बुनियादी सुविधाओं को अपने विद्यालय में लाने की दिशा में काम किया और सफ़लता हासिल की. विद्यालय में स्मार्ट का कक्ष निर्माण, विद्युतीकरण, स्मार्ट टीवी, कंप्यूटर व प्रोजेक्टर की व्यवस्था की. स्वच्छता के लिये बालक और बालिका शौचालय में टाइल्स लगवाये एवं रनिंग वाटर की सुविधा करायी. विद्यालय सुरक्षा हेतु बाउंड्री वॉल व गेट का निर्माण, विद्यालय के सौंदर्यीकरण हेतु प्रिंटरिच वातावरण व वृक्षारोपण, बच्चों के मनोरंजन हेतु झूले की व्यवस्था, प्रार्थना सभा हेतु मंच निर्माण, बागवानी हेतु क्यारी निर्माण आदि भी कराया. इसका फायदा आज बच्चों को मिल रहा है. आज कामता प्रसाद जी के स्कूल के बच्चे भी अन्य स्कूलों की भांति स्मार्ट तरीके से शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं व बुनियादी सुविधाओं का आनंद ले रहे हैं.
पहल योजना की उपलब्धियां
- उक्त सभी सुविधायें सरकारी प्राथमिक शाला में आने से सकारात्मक प्रभाव समुदाय में देखने को मिला.
लोगों का नज़रिया सरकारी शाला के प्रति बदलने में सफल रहे.
- कोविड-19 की विपरीत परिस्थिति के बावजूद आज शाला की दर्ज संख्या 75 से बढ़कर 106 हो गई है.
बच्चों के शाला में ठहराव में भी वृद्धि देखने को मिली है.
- विद्यालय एक शिक्षा केंद्र बन गया है.
टीचिंग लर्निंग
कामता प्रसाद सिंह जी ने टीचिंग लर्निंग को बेहतर बनने के लिये बहुत काम किया है. बिहार के आनंद कुमार जी की संस्था सुपर 30 की तर्ज पर छोटे स्तर पर शुरुआत करते हुए सुपर 5 की परिकल्पना पर कार्य किया. सभी कक्षाओं से पांच विद्यार्थियों का चयन किया. इसमें ऐसे विद्यार्थियों को चयनित किया गया है जिनकी हैंडराइटिंग अच्छी हो, अंग्रेजी में रुचि हो, अभिव्यक्ति करने, प्रस्तुतीकरण में रुचि लेता हो, चित्रकला, सामान्य ज्ञान व ड्राइंग पेंटिंग से लगाव हो और नियमित विद्यालय आता हो. ऐसे विद्यार्थियों को प्रोत्साहित कर उन्हें आगे के लिये तैयार किया जा रहा है. अन्य विद्यार्थी अपने ही स्कूल के विद्यार्थियों को रोल मॉडल मानकर आगे बढ़ रहे हैं.
रविवार विशेष फ्री कोचिंग व स्वआंकलन परीक्षा
विद्यालय समय के अतिरिक्त प्रत्येक रविवार को स्व-आंकलन परीक्षा व रविवार फ्री कोचिंग की भी व्यवस्था की गई है, जिसमें स्वयं के विद्यालय के अतिरिक्त आसपास के विद्यालय से भी लगभग 20 बच्चों ने लाभ उठाया है. इन बच्चों में से 6 बच्चों का चयन कोरबा नवोदय और जांजगीर नवोदय में करने में सफल रहे.
छड़ी कठपुतली व्दारा शिक्षण
इनके व्दारा शिक्षण को प्रभावशाली व छोटे बच्चों के लिए रुचिकर बनाने कई प्रकार के सहायक सामग्री का प्रयोग किया जाता है, जिसमें सबसे श्रेष्ठ छड़ी कठपुतली व्दारा कहानियों के माध्यम से अध्ययन अध्यापन कराया जाता है. इसके लिये कामता जी को सीजी स्कूल पोर्टल में नायक के रूप में भी स्थान प्राप्त हुआ.
लेखन कार्य
कामता जी के व्दारा लिखे गए लेख को शाला प्रबंधन समिति हेतु प्रशिक्षण संदर्शिका सत्र 2021-22 में स्थान मिला है.
राष्ट्रीय स्तर के सेमिनार (NCSL) में मिला स्थान
राष्ट्रीय स्तर सेमिनार राष्ट्रीय विद्यालय नेतृत्व केंद्र (NCSL) नई दिल्ली व्दारा विद्यालय नेतृत्व कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य के पांच उच्च स्तरीय नवाचारी शिक्षकों का चयन किया गया था जिसमें जांजगीर जिले से श्री कामता प्रसाद सिंह का चयन दो बार हुआ है.
बच्चों को दिया जा रहा है यूट्यूब प्लेटफार्म
कामता प्रसाद जी व्दारा प्राथमिक स्तर के बच्चों को सतत यूट्यूब प्लेटफार्म दिया जा रहा है. इसके अंतर्गत बच्चों से अभिव्यक्ति, आइ.क्यू. टेस्ट, संगीत, खेल, विज्ञान प्रदर्शनी ,बागवानी और फैंसी ड्रेस आदि गतिविधियों से बच्चों में आत्मविश्वास, अभिव्यक्ति कौशल विकसित हो रहा है.
ऑनलाइन क्लास का संचालन
कोरोना काल में जब शिक्षा व्यवस्था ठप थी तब कामता प्रसाद सिंह और 8 शिक्षक साथियों की टीमों ने मिलकर सतत ऑनलाइन कक्षा का संचालन जारी रखा. ग्रुप का नाम रखा गया - पढ़ाई आगे हमार व्दार. इसमें नवाचारी व गतिविधि आधारित कक्षा संचालन सतत जारी रखा.
शिक्षक चैन सिस्टम का संचालन
श्री कामता प्रसाद सिंह ने नवोदय जैसी राष्ट्रीय स्तर के प्रवेश परीक्षा को ग्रामीण स्तर के प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों के लिए आसान बनाने व इसकी प्रवेश परीक्षा में सफलता हासिल करने हेतु - शिक्षक चैन सिस्टम की संकल्पना पर कार्य किया. इसके अंतर्गत इन्होंने ऐसे शिक्षकों से संपर्क करना शुरू किया जिन्होंने पूर्व में नवोदय विद्यालय में अपने बच्चों का चयन करवाया है और उनसे मार्गदर्शन लिया. उनके दिशा निर्देश पर काम करते हुए अपने विद्यालय में भी इसका क्रियान्वयन किया. इसका परिणाम यह हुआ कि विद्यालय से सत्र 2022 में छात्र वासु साहू और सत्र 2023 में छात्र आशीष कुमार यादव का चयन नवोदय विद्यालय में हुआ. श्री कामता प्रसाद सिंह के उक्त सभी उत्कृष्ट नवाचारी कार्यों को देखते हुए इन्हें मुख्यमंत्री गौरव शिक्षा अलंकरण 2019 में प्राप्त हुआ है तो वही इनका चयन राज्यपाल 2023 के लिए हुआ है.
अस्वीकरण: मैने यह कहानियां संबंधित शिक्षकों एवं उनके मित्रों व्दारा दी गयी जानकारी के आधार पर लिखी हैं, स्वयं उनका सत्यापन नही किया है.